हिम एक्सप्रेस, ऊना (जितेंद्र कुमार)
नवनिर्वाचित कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने पिछले 15 दिन में 300 से ज्यादा बिना बजट के कार्यालयों को बंद करने पर प्रदेश में जगह जगह पर भाजपा द्वारा रोष प्रदर्शन किए गए। इन्ही प्रदर्शनों के तहत पूर्व उद्योग मंत्री विक्रम ठाकुर के सामने मुखमंत्री और उनकी पत्नी पर किए गए अभद्र भाषा को लेकर कांग्रेस भी उग्र हो चुकी हैं। बात करे तो प्रदेश कांग्रेस कमेटी महासचिव विवेक शर्मा ने कहा की अगर पूर्व मंत्री ने माफी नही मांगी तो कांग्रेस उनके पुतले फूंकने से परहेज नहीं करेगी।उन्होंने आरोप लगाया की भाजपा सरकार ने पिछले 6 महीनों में धुआंधार चुनाव प्रचार ही तो किया था हिमाचल में। सरकारी खर्च के ऊपर प्रधानमंत्री की रैलियों का अभी भी एचआरटीसी की बसों का किराया देना है। मिशन रिपीट के लिए भाजपा ने स्वतंत्रता का अमृत महोत्सव मनाया जो कार्यक्रम तो तो अच्छा था लेकिन उसमें राजनीतिक फायदा लेने का षड्यंत्र भाजपा नेताओं और पार्टी के कार्यकर्ताओं ने रचा।कार्यक्रमों में बिना बजट ,बिना स्टाफ ,बिना सही नीति ,के विभिन्न कार्यालयों को खोला गया। साडे 4 वर्षों में भाजपा को इन विकास के कार्यालय को खोलने की किसी प्रकार की कोई याद नहीं आई। लेकिन जब हिमाचल के ऊपर 70 हजार करोड रुपए का कर्ज हो गया तब जाकर जनता को मूर्ख बनाने के लिए इन कार्यालयों और उपतहसीलों की घोषणा कर दी ताकि मतदाताओं को बहलाया और बरगलाया जाए और उन्हें झूठा विकास दिखाया जाए। अब वर्तमान में सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने बिना बजट के खुले हुए कार्यालयों और उपतहसीलों को बंद कर दिया है। और किसी को लगता है कि प्रदेश के सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने गलत तरीके से इन कार्यालय को बंद किया है तो वह बड़े शौक से उच्च न्यायालय शिमला में जा सकता है और वहां पर उसे बिना बजट, बिना स्टाफ ,बिना नीति ,के खोले गए कार्यलाय की अच्छे से पूरी जानकारी मिल जाएगी। जिस किसी को भी लगता है कि यह सरकार का फैसला गलत है वह जल्द से जल्द न्यायालय में जा सकता है।