हिम एक्सप्रेस
Himachal Elections : हिमाचल प्रदेश की चौदहवीं विधानसभा की 68 सीटों के लिए चुनावी बिसात बिछ चुकी है। दिलचस्प हो चुकी इस सियासी जंग में भाजपा उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की तर्ज पर सरकारें बदलने का रिवाज तोड़ने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रही है तो कांग्रेस सत्ता में लौटने के लिए पसीना बहा रही है।
हिमाचल प्रदेश चुनाव 2022
हिमाचल प्रदेश की चौदहवीं विधानसभा की 68 सीटों के लिए चुनावी बिसात बिछ चुकी है। दिलचस्प हो चुकी इस सियासी जंग में भाजपा उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की तर्ज पर सरकारें बदलने का रिवाज तोड़ने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रही है तो कांग्रेस सत्ता में लौटने के लिए पसीना बहा रही है। वर्ष 1990 के बाद प्रदेश में कोई भी सरकार रिपीट नहीं हो पाई है। इस मिथक को तोड़ने के लिए भाजपा केंद्र और राज्य सरकार के डबल इंजन की ताकत से रिवाज बदलने का नारा देकर चुनाव लड़ रही है। कांग्रेस जवाब में रिवाज के बजाय सरकार बदलने के एलान के साथ रण में उतरी है।
प्रदेश की 68 विधानसभा सीटों के लिए कुल 413 प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं। भाजपा के 21 और कांग्रेस के सात नेता बगावत कर चुनाव लड़ रहे हैं। बागियों ने दोनों दलों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। भाजपा में राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर तो कांग्रेस में प्रियंका गांधी, कांग्रेस प्रभारी राजीव शुक्ला, पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह की पत्नी एवं कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह, कांग्रेस विधायक दल के नेता मुकेश अग्निहोत्री जैसे नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर है।
हालांकि, सभी सीटों पर आम आदमी पार्टी से उम्मीदवारों को उतारने के बावजूद अरविंद केजरीवाल गुजरात में व्यस्तता के कारण हिमाचल को ज्यादा वक्त नहीं दे पा रहे हैं। पिछले साल लोकसभा की एक और विधानसभा की तीन सीटों पर उपचुनाव हारने के बाद जयराम सरकार में भाजपा के 43 विधायक रह गए, जबकि कांग्रेस के पास 22 एमएलए थे। कांग्रेस के दो सिटिंग एमएलए हाल ही में इस्तीफा देकर भाजपा में चले गए तो उसके पास 20 विधायक रह गए। कांग्रेस कर्मचारियों की ओल्ड पेंशन स्कीम की बहाली न करने, बेरोजगारी, महंगाई, बागवानों की अनदेखी, भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों पर चुनाव लड़ रही है तो भाजपा डबल इंजन सरकार के विकास मॉडल के आधार पर वोट मांग रही है।
कांग्रेस ने सभी खेमों को आगे किया
कांग्रेस हाईकमान ने इस चुनाव में पार्टी के सभी खेमों को आगे किया है, वहीं, लेकिन वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा को कोई महत्वपूर्ण जिम्मेवारी नहीं दी गई है। पूर्व सीएम दिवंगत वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा को चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष बनाया तो पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सुखविंद्र सिंह सुक्खू को चुनाव प्रचार समिति का अध्यक्ष बनाया है। उन्हें टिकट आवंटन करने वाली स्क्रीनिंग कमेटी का भी सदस्य बनाया गया। वीरभद्र खेमे के एक अन्य नेता मुकेश अग्निहोत्री कांग्रेस विधायक दल के नेता हैं।
तीन दशक से बारी-बारी कांग्रेस-भाजपा की सरकार….1982 से 1985 के बीच कांग्रेस की सरकार रही। 1985 से 1990 तक फिर कांग्रेस की सरकार बनी और वीरभद्र सिंह दूसरी बार सीएम बने। 1990 से 1992 के बीच भाजपा की सरकार बनी और शांता कुमार सीएम रहे। 1993 से 1998 तक वीरभद्र सिंह के मुख्यमंत्रित्व में फिर कांग्रेस की सरकार बनी। 1998 से 2003 तक सीएम प्रेमकुमार धूमल के नेतृत्व में भाजपा, 2003 से 2007 तक वीरभद्र के नेतृत्व में कांग्रेस, 2007-2012 तक फिर धूमल के नेतृत्व में भाजपा, 2012-2017 तक वीरभद्र के नेतृत्व वाली कांग्रेस और 2017 से 2022 तक जयराम ठाकुर के नेतृत्व में भाजपा सरकार बनी।
जयराम ठाकुर के नेतृत्व में चुनाव लड़ रही भाजपा…हिमाचल में भाजपा सीएम जयराम ठाकुर के नेतृत्व में ही चुनाव लड़ रही है। गृह राज्य होने के नाते भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा भी विधानसभा चुनाव में खूब दिलचस्पी ले रहे हैं। विस चुनाव की घोषणा से पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने पांच जनसभाओं को संबोधित किया। अब पीएम मोदी के अलावा अमित शाह, योगी आदित्यनाथ जैसे बड़े नेता भी हिमाचल आएंगे।
कांग्रेस से बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ रहे विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष गंगूराम मुसाफिर, दो पूर्व विधायक सुभाष मंगलेट और जगजीवन पाल समेत छह नेताओं को पार्टी ने छह साल के लिए निष्कासित कर दिया।