संदीप शांडिल, ब्यूरो चीफ काँगड़ा
अधिवक्ता मुकुल सूद व धनंजय शर्मा उपाध्यक्ष एवं महासचिव राज कुमार नेगी,ओर एडवोकेट कुश शर्मा के साथ शिमला में
विधानसभा शाहपुर के हक के लिए शाहपुर में केंद्रीय विश्वविद्यालय का कुछ भाग स्थापित करने के लिए ली कानूनी सलाह ओर हाइकोर्ट के वकीलों के पैनल साथ किया सलाह मशवरा।पठानिया ने हाई कोर्ट के वकीलों से केंद्रीय विश्वविद्यालय को शाहपुर से स्थानांतरित करने के मुद्दे को उठाया।
ओर शाहपुर में खाली पड़ी सरकारी जमीन के बारे में भी बताया ओर कागजात भी दिखाए जो कि केंद्रीय विश्वविद्यालय के काम आ सकती है लेकिन सरकार इसकी ओर ध्यान नही दे रही है।जिससे हाई कोर्ट में जा कर इस मामले को उठा कर शाहपुर का हक दिलवाया जाए।पठानिया ने कहा कि इसके लिए शाहपुर की जनता ने बहुत प्रदर्शन किए लेकिन प्रदेश सरकार पर कोई असर नही हुआ। जिससे केंद्रीय विश्वविद्यालय को शाहपुर से उठा कर ले जाने के संधर्ब में स्थानीय जनता में बहुत गुस्सा ओर रोष है।पठानिया ने हाई कोर्ट के वकीलों के साथ डिटेल में बात चीत करके पूरा हाल बताया कि
2010 में कांगड़ा के अंदर कही भी केंद्रीय विश्वविद्यालय के लिए भवन नही मिल रहा था तब शाहपुर महाविद्यालय के छात्र छात्राओं ने कड़वा घूंट पी कर अपना भवन केंद्रीय विश्वविद्यालय को दिया।और खुद सिहुवा के बरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला में बैठे।लेकिन आज शाहपुर महाविद्यालय का अपना भवन बन चुका है आज केंद्रीय विश्वविद्यालय की क्लासे जहाँ चली थी बो भवन आज खाली होने के बाबजूद भी प्रदेश सरकार केंद्रीय विश्वविद्यालय को धर्मशाला ओर देहरा ले जाने की योजना बना चुकी है।उनका कहना है कि शाहपुर में कुछ न कुछ केंद्रीय विश्वविद्यालय का भाग शाहपुर में ही रहने दिया जाए जिससे स्थानीय छात्र छात्राओं को पढ़ने के लिए सुबिधा हो।
बड़े दुर्भाग्यपूर्ण है कि 10 साल केंद्रीय विश्विद्यालय अस्थाई तौर पर चला और आज इसको यहां से ले जाया जा रहा है।पठानिया ने कहा की ब्लॉक् कांग्रेस कमेटी ने जिलाधीश महोदय के माध्यम से मुख्यमंत्री को शाहपुर में केंद्रीय विश्विद्यालय का कुछ भाग शाहपुर में ही चलाए जाने के लिए ज्ञापन भी सोंपा था।