धर्मपुर, मण्डी, डी आर कटवाल
हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों को ऊपर उठाने के लिए विभिन्न कल्याणकारी सरकारी योजनाएं चलाई जा रही है जिनमें से एक प्रधानमंत्री आवास योजना भी सम्मिलित है शिमला सचिवालय से सेवानिवृत्त अनुभाग अधिकारी राजेंद्र सिंह ने कहा कि यह योजनाएं अति निर्धन परिवारों तक नहीं पहुंच रही है इनका लाभ अच्छे खाते पीते लोग उठा रहे हैं जो परिवार अपने मकान पर 20 लाख से ऊपर खर्च कर रहे हैं वह परिवार कौन सी श्रेणी में आते हैं
हमारी समझ से परे है उन्होंने कहा सरकार ऊपर से 1 लाख 50,000 मकान बनाने के लिए सहायता दे रही है जिसका दूर तक कोई औचित्य ही नहीं बनता उन्होंने सरकार से अनुरोध किया है कि जिन जिन परिवारों ने सरकार से पैसा लेने के लिए गलत जानकारी दी है और उस सहायता की संस्तुति पंचायत के प्रधानों उस पंचायत में कार्यरत कर्मचारियों द्वारा बिना तथ्य इकट्ठे किए सरकार को दी है
उनके विरुद्ध विभागीय जांच कराई जाए और दोषी पाए जाने पर प्रधानों को उनके पद से हटाया जाए व सरकारी कर्मचारियों को सरकारी नौकरी से बाहर का रास्ता दिखाएं उन्होंने कहा कि सरकार सहायता देने से पहले समस्त परिवार की समस्त संपत्तियों जिसमें बैंक खाते भी शामिल करें और अगर उस परिवार का व्यक्ति गैर सरकारी नौकरी पर भी है तो उसकी सैलरी स्टेटमेंट भी साथ में लगाएं उन्होंने कहा सरकार यह भी सुनिश्चित करें कि इन मकानों को बनाने से पहले क्या इन मकानों की जियो टैगिंग की है या नहीं ? जियो टैगिंग के तीनों स्तर पूर्ण किए हैं या नहीं ? सरकार ने अपने कार्यकाल में जितनी भी सहायता दी है
उन सब की छानबीन करे और जहां पर गलत सहायता दी गई है उसकी वसूली ब्याज सहित की जाए क्योंकि यह सहायता टैक्स से इकट्ठा किया हुआ पैसा है जिसे लोग इमानदारी से सरकार को देते हैं सरकार उस पैसे को प्रसाद की तरह ना बांटे और भ्रष्टाचार किसी भी स्तर पर न हो यह सुनिश्चित करना सरकार का कार्य है
श्री राजेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना की छानबीन सरकार अपने स्तर पर करवाएं और दोषी पाए जाने पर संबंधित परिवारों के खिलाफ एवं संबंधित पंचायत में सरकारी कर्मचारियों द्वारा सरकार को गलत जानकारी देने पर उसके विरूद्ध विभागीय जांच कराई जाए ताकि गरीबों के साथ इंसाफ हो और सरकार द्वारा गरीबों के लिए चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाएं गरीबों को मिले