हरपाल सिंह, ऊना
देश के जाने माने धावक सरदार मिल्खा सिंह के निधन पर शहिद भगतसिंह क्लब अमबोटा के सदस्यों ने गहरा दुःख प्रगट किया।धावक मिल्खा सिंह को भारत देश के लोग हमेशा याद रखें गे।चार बार के एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता मिल्खा ने 1958 राष्ट्रमंडल खेलों में भी पीला तमगा हासिल किया था । उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन हालांकि 1960 के रोम ओलंपिक में था जिसमें वह 400 मीटर फाइनल में चौथे स्थान पर रहे थे। उन्होंने 1956 और 1964 ओलिंपिक में भी भारत का प्रतिनिधित्व किया।
1958 कॉमनवेल्थ गेम्स में ऐतिहासिक जीत से ज्यादा लोगों को रोम ओलंपिक में मिली हार का गम था। इस ओलंपिक के दौरान मिल्खा सिंह का नाम अंजान था। मगर पंजाब के एक साधारण लड़के ने बिना किसी खास ट्रेनिंग के दक्षिण अफ्रीका के मैल्कम स्पेंस को पछाड़ते हुए इतिहास रच दिया था। मिल्खा ने कॉमनवेल्थ गेम्स में आजाद भारत का पहला गोल्ड मेडल अपने नाम किया था।