दौलतपुर चौक, (पराशर)
ऊना, गगरेट विधानसभा क्षेत्र के पूर्व आल इण्डिया कांग्रेस सचिव एवं पूर्व विधायक राकेश कालिया ने मंगलवार को किसानों के साथ बैठक के बाद दौलतपुर चौक में पत्रकारवार्ता को संबोधित करते हुए कहा की पहले केंद्र सरकार ने अब प्रदेश सरकार ने किसानों की कमर तोड़ दी है. उन्होंने कहा की किसानों ने पहले कोरोना महामारी की विकट परिस्थितियों में महंगे दामों पर फसल उगाई अब सरकार फसल खरीद नही रही जिससे किसानों में भारी रोष है|
उन्होंने कहा कि किसानों से गेहूं खरीद करने के लिए सरकार गेंहू खरीद केंद्रों पर दस जून की तिथि निर्धारित की गयी थी परंतु अभी तक किसानों की काफी मात्रा में गेहूं बेचने के लिए बची हुई है और किसानों के पास गेहूं रखने के लिए भी उचित संसाधन नही है ऐसे में किसों के साथ खिलवाड़ कर रही प्रदेश सरकार। उन्होंने कहा की ऊना जिला में किसानों के गेहूं बेचने के लिए इधर उधर भटक रहे है, परंतु खरीद केंद्र वाले लोग सभी किसानों की गेहूं खरीद नहीं पा रहे हैं।
जहाँ उक्त किसान पहले पंजाब इत्यादि अन्य राज्यों में फसल बेचते थे परन्तु सरकार के नियमों ने किसानों की कम्र तोड़ दी है. उन्होंने कहा किसानों ने खून पसीना एक करके फसल तैयार की है और अगर उसे बेचने के लिए मार्केट ही ना मिले तो किसान कहां जाए। उन्होंने सरकार को चेताया की प्रदेश के किसानों की फसल खरीदे और फसल खरीदने की नियमों को भी सरल करे अन्यथा किसानों के हितों के लिए कांग्रेस सडकों पर उतरकर रोष प्रदर्शन करेगी. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने तीनों कृषि सुधार बिल पास करते हुए यह दावा किया था कि अब मार्केट में किसानों को एमएसपी से अधिक रेट मिलेंगे, परंतु मार्केट में किसानों को बहुत कम रेट मिल रहे है।
इससे पहले मक्की की फसल भी किसानों को औने पौने दामों यानी 1000 से 1200 प्रति क्विंटल के रेट पर बेचनी पड़ी। इससे यह साबित हो गया है कि नए बने कृषि कानूनों से किसानों का कोई भला होने वाला नहीं है इनसे केवल बड़े-बड़े पूंजीपति ही मालामाल होंगे। इस बैठक में किसान नीरेंद्र सिंह, परमजीत सिंह, मैहर सिंह, केहर सिंह, विजय कुमार इत्यादि उपस्थित रहे ।