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कोरोना संकट में मनरेगा योजना बनी वरदान

मनरेगा

मनरेगा के तहत प्रदेश में 1780 करोड़ रूपए व्यय किए गए 
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ऊना, ब्यूरो चीफ (कुसुम लता)

ऊना, कोरोना संक्रमण के चलते अपना रोजगार खो चुके लोगों के लिए महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गांरटी (मनरेगा) योजना ग्रामीणों के लिए रोजगार का सहारा बनी हुई है। कोविड-19 के कारण बड़ी संख्या में शहरों से ग्रामीण परिवारों की वापसी अपने गांव की ओर हुई है। कोरोना काल में ग्रामीण क्षेत्रों के दैनिक रोजगार गतिविधियों में ग्रामीण परिवारों के समक्ष भी भरण पोषण की समस्या की संभावना उत्पन्न हुई है, ऐसे में शहरों से गांव वापस आये परिवार और गांव में रह रहे लोगों के परिवारों को मनरेगा योजना के तहत तालाब, चेक डैम के निर्माण के साथ नदियों की सफाई, सड़कों व गलियों को पक्का करने का काम बड़े पैमाने पर प्रदेश सरकार द्वारा ग्रामीणों के लिए रोजगार उपलब्ध करवाये जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त वर्तमान समय में सरकार द्वारा जारी की गई गाइडलाइन के तहत राज्य में मनरेगा योजना के अतंर्गत कन्टेनमेन्ट क्षेत्र के बाहर कई कार्य प्रारम्भ किए गए हैं, जिसमें कोविड-19 के प्रॉटोकॉल के ध्यान में रखकर ही कार्य करवाए जा रहे हैं।

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मनरेगा योजना से लाभ प्राप्त कर चुके ऊना जिला के चलोला गांव के निवासी राजीव कुमार बताते हैं कि वह अपने परिवार के पालन पोषण के लिए दुकान चलाने का कार्य करते थे, लेकिन कोरोना काल में दुकान बंद रही और घर का खर्चा मुश्किल हो गया। राजीव कुमार ने बताया कि सरकार द्वारा आरंभ की गई योजना मनरेगा में रोजगार मिलने से मेरे घर का खर्च चलाने में काफी मदद मिली जिसके लिए वह मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और ग्रामीण विकास मंत्री वीरेंद्र कंवर का आभारी हैं।

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इसी गांव के निवासी मदन लाल ने बताया कि वह राज मिस्तरी का कार्य करते हैं, लेकिन कोविड महामारी के चलते कार्य बंद होने की वजह से बेरोजगार हो गए थे, लेकिन उन्होंने मनरेगा में अपना नाम दर्ज कराकर रोजगार का लाभ लिया जिससे घर के छोटे-मोटे खर्चों में काफी मदद मिली है। उन्होंने प्रदेश सरकार का मनरेगा योजना के लिए धन्यवाद किया।

समूरकलां के प्रधान ज्ञान चंद ने बताया कि मनरेगा योजना के तहत उनकी पंचायत में कई निर्माण कार्य चल रहे है। कोरोना के समय में जो स्थानीय गांव के लोग अपना रोजगार खो चुके थे, उन्हें मनरेगा योजना में रोजगार प्राप्त कर अपने परिवार का भरण पोषण कर रहे हैं।

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मनरेगा के तहत 1780 करोड़ खर्च

ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज, मत्स्य, कृषि व पशु पालन मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि ग्रामीणों को घर द्वार पर रोजगार उपलब्ध करवाने के लिए वर्तमान सरकार के कार्यकाल में 6 करोड़ से अधिक कार्य दिवस अर्जित किये गए हैं। जिसमें आधे से ज्यादा महिलाओं की भागीदारी रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा 1.32 लाख परिवारों ने 100 दिन से अधिक रोजगार प्राप्त किया है। इनके द्वारा 1.52 लाख से अधिक कार्य पूर्ण किए गए हैं। मनरेगा कार्यों पर 1780 करोड़ रूपये व्यय किए गए हैं।

वीरेंद्र कंवर ने कहा कि कोरोना काल के दौरान बेरोजगार लोगों ने मनरेगा में कार्य कर अपनी आर्थिकी सुदृढ़ की है तथा परिवार का भरण पोषण कर रहे हैं। प्रदेश सरकार की यह योजना कोरोना के समय में लोगों के लिए वरदान सिद्ध हो रही है।

 

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