कोरोना संक्रमण कम होने से ऑक्सीजन की डिमांड भी घटने लगी
ऊना, डिस्ट्रिक्ट ब्यूरो चीफ (कुसुम लता)
जिला ऊना में कोरोना संक्रमण कम होने से स्वास्थ्य सुविधाओं पर दबाव घटता जा रहा है। डीसीएससी पालकवाह में 76 ऑक्सीजन युक्त बेड उपलब्ध हैं, जहां 16 कोविड संक्रमित मरीज दाखिल हैं यानी यहां पर 60 बेड खाली हो गए हैं। जिला के दूसरे कोविड अस्पताल हरोली में 45 ऑक्सीजन युक्त बेड उपलब्ध हैं, जिसमें से 17 भरे हुए हैं, जबकि 28 खाली पड़े हैं। इस तरह जिला ऊना में 121 ऑक्सीजन युक्त बेड कोरोना संक्रमितों के लिए उपलब्ध हैं, जिनमें से 88 बेड खाली हैं।
इस संबंध में जानकारी देते हुए उपायुक्त ऊना राघव शर्मा ने कहा कि कोरोना कर्फ्यू तथा जन सहयोग से कोरोना संक्रमण की दर घट रही है। जिससे कोविड अस्पतालों में कोरोना के मरीज की संख्या कम हुई है। उन्होंने कहा कि मरीजों की संख्या घटने से ऑक्सीजन की डिमांड भी कम हो रही है। 15 मई के आस-पास जब कोरोना संक्रमण चरम पर था, तो हरोली में 107 तथा पालकवाह में 250 ऑक्सीजन सिलेंडर की मांग रहती थी, लेकिन अब पालकवाह में 72 तथा हरोली में 52 सिलेंडर की डिमांड रह गई है। उम्मीद है आने वाले दिनों में यह और कम रह जाएगी। उन्होंने कहा कि जिला ऊना में कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए पर्याप्त सुविधाएं उपलब्ध हैं। पंडोगा में भी 90 ऑक्सीजन युक्त बेड का कोविड मेक शिफ्ट अस्पताल बनकर तैयार हो गया है, जिसमें 50 और बेड लगाए जा रहे हैं।
वहीं सीएमओ डॉ. रमण कुमार शर्मा ने कहा कि कोरोना संक्रमण कम होना अच्छा संकेत है। जून 6 को जिला में कोरोना टेस्ट के लिए 2030 सैंपल लिए गए जिनमें से सिर्फ 30 व्यक्ति कोरोना संक्रमित पाए गए। इस प्रकार 6 जून को कोरोना संक्रमण की दर 1.56 प्रतिशत रही। उन्होंने कहा कि संक्रमण बेशक कम हुआ हो, लेकिन अभी भी लापरवाही की गुंजाइश नहीं है। कोविड अनुरूप व्यवहार जारी रहना चाहिए और सभी मास्क का प्रयोग करें तथा सोशल डिस्टेंसिंग के नियम को भी मानें। कोविड वैक्सीन लगाने के बाद भी मास्क का प्रयोग बंद न करें क्योंकि विशेषज्ञ अभी कोरोना की तीसरी लहर आने की चेतावनी भी दे रहे हैं। अनुशासन से ही हम कोरोना वायरस से बच सकते हैं।