रैत पंचायत में प्रदेश कांग्रेस महासचिव केवल सिंह पठानिया
इस दौरान पठानिया ने कहा कि हमारे बुजुर्ग पर्यावरण को बचाने के साथ-साथ स्वास्थ्य के प्रति कितने जागरूक थे अपने जमाने में वह पीपल के पेड़ लगाते थे और पीपल के पेड़ जहां होते हैं वहां पर ऑक्सीजन की मात्रा अधिक होती है केवल सिंह पठानिया ने कहा मौजूदा समय में जो कोरोना का समय चल रहा है और कोरोना के कारण जो मौतें हो रही है उसमें सबसे बड़ा कारण ऑक्सीजन की कमी उन्होंने कहा की हमारे बुजुर्ग हालांकि इतने पढ़े न होने के बावजूद इसके वह पर्यावरण के प्रति जागरूक थे वह पीपल के पेड़ को हालांकि एक पुराना और धार्मिक पुनीत कार्य में प्रयोग करते थे लेकिन पीपल के पेड़ के औषधीय गुण इसके प्रयोग से कहीं अधिक स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है उन्होंने कहा मौजूदा समय में हिमाचल प्रदेश में हजारों की संख्या में पीपल के पेड़ हैं और जहां कहीं भी पीपल के पेड़ हैं या फिर औषधीय पौधे हैं जिन से अधिक मात्रा में ऑक्सीजन प्राप्त होती है
वहां पर लोग कम बीमार पड़ते हैं पठानीया ने कहा उन्होंने अपने जीवन काल में अभी तक 79 पीपल के पेड़ लगाए हैं जो काफी बड़े हो गए हैं और लोगों को तथा आसपास के वातावरण को आक्सीजन प्रदान कर रहे हैं केवल सिंह पठानिया ने पर्यावरण दिवस के मौके पर कहा के हर एक व्यक्ति को पर्यावरण बचाने के लिए औषधीय पौधे और फलदार पौधे लगाने के साथ-साथ अन्य पौधे भी लगाने चाहिए ।जिससे पर्यावरण का बचाव तो होगा ही और साथ ही स्वास्थ्य लाभ भी मिलेगा उन्होंने आने वाले समय में पूरे देश और प्रदेश के लोगों के लिए कामना की कि सभी स्वस्थ रहेंगे और कोरोना से अपने आप को बचाते रहेंगे
वातावरण को सुंदर साफ और हरा भरा बनाने का प्रयास करेंगे
और अपने आसपास के वातावरण को सुंदर साफ और हरा भरा बनाने का प्रयास करेंगे पठानिया ने कहा कोरोना काल के दौरान कई ऐसी पुरानी बुजुर्गों की बताई हुई घर में काम आने वाली औषधियां काम आ रही है जोकि कोरोना जैसी बीमारी से बचाने का काम कर रही है पर्यावरण दिवस के मौके पर पठानिया ने सभी के स्वस्थ रहने की कामना की