हिमाचल प्रदेश के जिला सिरमौर में पंजाब पुलिस व सिरमौर पुलिस ने मिलकर नशीली दवाओं की खेप का पर्दापाछ किया है। गुरुवार देर रात को पुलिस द्वारा मारी गई रेड में 30 लाख 20 हजार रुपये की नशीली गोलियां पकड़ी है। यह एक काफी बड़ी सफलता है, क्योंकि इस ओपिओइड्स की मार्केट कीमत 15 करोड़ से भी अधिक है। इस अवैध कार्य को अंजाम देने वाली कंपनी की 15 करोड़ की प्राॅपर्टी को सील कर दिया है।
कैसे चौकन्ना हुई पुलिस?
पंजाब के अमृतसर जिले में 18 मई को थाना मत्तेवाल की पुलिस ने 50 हजार की नशीली गोलियां बरामद की थी। जिसमें मजीठा रोड से तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था। इन आरोपियों के बयानों व दवाओं के बैच नंबर की जांच के बाद पता चला कि यह खेप पावंटा साहिब से आई है। जिसके बाद पांवटा साहिब के देवी नगर स्थित यूनीक फॉर्मूलेशन नाम की दवा कंपनी का नाम सामने आया।
मार्केटेड बाय कंपनी का नहीं कोई रिकॉर्ड
ड्रग विभाग से मिली जानकारी के अनुसार इस कंपनी के पास दवा बनाने का लाइसेंस है। पूछताछ में दवा निर्माता ने दिल्ली की फर्म का नाम बताया था, जिसे यह दवा बेची जानी थी। लेकिन जिस कंपनी द्वारा विपणन बताया जा रहा है, ऐसा कोई रिकॉर्ड में है ही नहीं।
निरीक्षण टीम ने जांच के बाद कंपनी के लाइसेंस को रद्द कर शो काॅज नोटिस जारी कर दिया है। पांवटा साहिब के डीएसपी वीर बहादुर ने इस रेड की पुष्टि की है। पंजाब अमृतसर पुलिस टीम ने एनडीपीएस के मामले में छापा मारा है। इस तरह नशीली दवाओं को अवैध तरीके से बनाना बहुत ही बड़ा कानूनी अपराध है। पुलिस ने कहा है कि वह इस नशीली दवाएं बनाने व बेचने से जुड़े किसी भी अपराधी को नहीं बख्शेगी।