हिमाचल
मजदूरों को देता था एक रुपये के 90 करने का लालच
बलराज जो कि लेबर ठेकेदार है सट्टा माफिया का घुमंतू एजेंट भी है। लेबर ठेकेदारी के साथ- साथ उद्योग के कामगारों से सट्टा पर्ची भी एकत्रित करता था। पिछले कई सालों से टाहलीवाल में ठेकेदारी कर रहा है।लेबर ठेकेदारी के साथ साथ सटे के धंधे में भी चांदी कूट रहा है। मजदूरों को एक रुपए के 90 रू देने का लालच देकर सट्टा लगाने के लिए उकसाता है और भोले भाले मजदूरों को इस दलदल में धकेल कर खुद लखपति बन चुका है। उद्योग प्रबंधक शायद इस बात से अनजान है और अब पुलिस रिपोर्ट पता चलने पर भी अगर उद्योग इसे अपनी फैक्ट्री में लेबर ठेकेदारी करवाते हैं तो सट्टा माफियाओं को शरण देने के लिए उद्योग भी जिम्मेदार होगा।
ठेकेदारों को छोड़ कंपनी के अंडर करें मजदूरों को सरकार
उधोगों को भी ऐसे व्यक्ति को अपने उधोग से बाहर करना चाहिए। प्रशासन को चाहिए कि अब ठेकेदार के अंडर काम करने वाले मजदूरों को कंपनी अंडर करके उनका भविष्य सुरक्षित करे। परंतु जानकारी ऐसी मिली है कि जब ठेकेदार भाग जाए या फिर निकाला जाए तो ऐसी स्थिति में कामगारों को भी रिजाईन करने को बोला जाता है। मजदूर का शोषण करने में उधोग प्रबंधक भी कम नही है। जिसे टाहलीवाल पुलिस चौकी टीम ने गश्त के दौरान शक के आधार पर पकडने में कामयाबी हासिल की है पुलिस ने जुआ अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी ।डीएसपी हरोली अनिल मैहता ने मामले की पुष्टि की है ।
मजदूरों को नहीं मिल पाता इंसाफ
मौजूदा समय में भी न्यूनतम वेतन कुछ उद्योगों में नही दिया जा रहा है। पेट पालने के लिए और काम ना मिलने पर मजदूरों को कम वेतन पर ही काम करने के लिए विवश होना पड रहा है। सरकार कानून तो बनाती है और कानूनों का पालन करवाने के अधिकारियों को भी नियुक्त करती है। परंतु वह अधिकारी भी प्रभावशाली लोगो से मिलकर मजदूरों का शोषण ही करते आ रहे हैं।
शिकायत करने पर मजदूरों को मिलती है तारीख, फिर तारीख और फिर तारीख। अब आप ही बताए तो मजदूर कहां जाए। कहीं ईएसआई तो कही ईपीएफ फंड ना काटकर मजदूरों का शोषण हो रहा है। पंगु हो चुकी व्यवस्था और गूंगी बन चुकी है सरकार, अब आप ही बताएं कि मजदूर किसे पुकारे। इस फील्ड में वर्कर यूनियन मजदूरों का कुछ दर्द हल्का करती है, उनका दुख अपना समझ कर लड़ती है। छोटी लड़ाइयां तो वर्कर्स यूनियन जीत लेती है लेकिन प्रभावशाली व राजनीतिक दबाव के आगे उनकी भी पेश नहीं चलती है।