आईजीएमसी में ब्लैक फंगस के संदिग्ध मरीज की रिपोर्ट पर डॉक्टरों की निगाहें
हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के आईजीएमसी में ब्लैक फंगस का एक मामला आया है। यह रोगी जिला मंडी की रहने वाली है। सैंपल आने तक कुछ भी पक्का नहीं कहा जा सकता है। चिकित्सकों ने रोगी का सैंपल ले लिया है। जिसकी रिपोर्ट आने में दो दिनों का समय लग जाएगा। महिला रोगी को मंडी रैफर कर दिया गया है। सूबे में अभी तक इस बीमारी का एक भी मामला नहीं आया है। फिलहाल चिकित्सकों की नज़रें रिपोर्ट पर टिकी हैं।
क्या है ब्लैक फंगस?
- यह बीमारी कोविड के बाद मरीजों को होती है।
- यह बीमारी उस मरीज को लगती है जो ज्यादा समय से ऑक्सीजन पर हो।
- रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो।
- मधुमेह का रोगी हो।
देशभर में इस बीमारी के मामले सामने आ रहे हैं, लेकिन अभी तक सूबे में एक भी ऐसा मामला नहीं आया है। मिली जानकारी के अनुसार म्यूकर माइकोसिस या ब्लैक फंगस कोविड के बाद रोगी को घेर लेती है। यह काले रंग की फंगस नाक, आँख से होते हुए दिमाग तक पहुंच जाती है। समय में उपचार न मिलने पर रोगी की मौत होना निश्चित है।
यह है ब्लैक फंगस के लक्षण
- रोगी को बार बार बुखार आना।
- आंखों के पीछे की तरफ दर्द होना।
- शरीर पर काले रंग के निशान पड़ना।
- दांत में देर तक तेज दर्द रहना।
- थूक में खून का आना।
डॉक्टर की सलाह के बिना न ले कोई दवा
इस तरह के लक्षण दिखने पर जल्द से जल्द नजदीकी अस्पताल में दिखाना चाहिए। इस बीमारी का केस अभी तक हिमाचल में नहीं आया है। चिकित्सकों की निगाहें दो दिन में आने वाली रिपोर्ट के ऊपर टिकी हुई है। आम जनता को कोरोना साथ साथ अब ब्लैक फंगस से भी सावधानियां बरतनी होंगी। बिना डॉक्टरों की सलाह लिए किसी भी प्रकार की दवा को नहीं लेनी चाहिए।