हिमाचल प्रदेश में निजी बस ऑपरेटरों की हड़ताल
पांच तारीख से पहले वेतन चाहिए वरना होगा आंदोलन
मई के महीने की पांचवी तारीख चल रही है। लेकिन पिछले माह का वेतन अभी तक नहीं मिल पाया है। पहले भी पिछले माह का वेतन अगले माह की अंतिम तिथियों में डाला गया है। मार्च का वेतन भी एचआरटीसी कर्मचारियों को अप्रैल के माह में 25 तारीख तक भी नहीं दिया गया था। सरकारी बस चालकों का कहना है कि प्रदेश सरकार अन्य सभी कर्मचारियों को समय पर वेतन देते हैं। लेकिन कोरोना योद्धा कहे जाने वाले बस चालक-परिचालकों के बैंक खातों में वेतन आने में महीने का समय लग जाता है। महामारी के इस समय में भी अगर ऐसा ही चलता रहा। तो फिर एचआरटीसी कर्मचारियों के पास आंदोलन करने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं बचता है।
कई महीनों की पेंशन भी अभी तक नहीं मिली
- प्रदेश में जहां निगम के कर्मचारी वेतन समय पर न मिलने की समस्या से जूझ रहा है। वहीं दूसरी ओर परिवहन निगम के सेवानिवृत्त कर्मचारियों को 3 महीने की पेंशन नहीं मिली है।
- सरकार को अपनी पूरी सेवाएं देने के बाद महामारी की ऐसी स्थिति में पेंशन न मिलने से यह सेवानिवृत कर्मचारी बहुत दुखी हैं।
- ड्राइवर यूनियन पदाधिकारियों ने कहा कि अभी कई ऐसे परिवार है जिसमें कोई नौकरी नहीं करता है। ऐसे परिवार पेंशन से ही अपने परिवार का खर्च चलाते हैं।
महामारी से मृतकों को नहीं मिल रहा निर्धारित मुआवजा
प्रदेश सरकार ने इन चालकों-परिचालकों की महामारी के समय संक्रमण से मौत हो जाने पर मुआवजा राशि 50 लाख घोषित की थी। लेकिन ड्राइवर यूनियन के पदाधिकारियों ने कहा कि अभी दो निगम के चालकों की संक्रमण से मौत हो गई है। ऐसे में मुआवजा राशि अभी तक प्रदान नहीं की गई है। इसी के साथ ड्यूटी के चलते संक्रमित होने वाले कर्मचारियों को विशेष लीव देनी होगी।
इस तरह कई समस्याओं का सामना करते हुए यह कोेविड योद्धा आंदोलन करने का निर्णय ले सकते हैं। ड्राइवर यूनियन ने एक बैठक आयोजित करने का निर्णय लिया है। इस बैठक में हड़ताल करने के मुद्दे को लेकर चर्चा की जाएगी। इस तरह इनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाता है तो यह कर्मचारी निगम के लिए काम पर जाना बंद कर देंगे। निजी बसों के बंद होने बाद यदि एचआरटीसी बस सेवाएं भी बंद हो जाती है। तो आम जनता के लिए एक जगह से दूसरी जगह जाना मुश्किल हो जाएगा।