हिमाचल प्रदेश आम आदमी ने देश की मोदी सरकार और प्रदेश की जय राम सरकार पर आरोप लगाया है कि जब जब करोना को नियन्त्रित करने के लिए खुद सरकारी एजेंसियों द्वारा समय समय पर जारी की अधिसूचनाओ एवम एडवाइजरी क्या सिर्फ आम व्यक्तियों तक ही सीमित रहनी चाहिए थी या फिर उन केंद्रीय नेताओं के उपर भी लागू होनी चाहिए थी जो कि सम्बंधित राज्यों में ताबड़तोड़ चुनावी रैलियों का आयोजन कर रहे हैं। जहां मंत्रियों से लेकर गृहमंत्री एवम् प्रधानमंत्री तक भारी भरकम रेलियो में शिरकत कर रहे हैं और एक दिन में कई कई रेलियो को संबोधित किया करने में मशगूल है ।जहां मास्क तक का भी प्रयोग नही किया जा रहा है।
इस तरह का राजनीतिक उत्साह हिमाचल प्रदेश भी देखने को मिल रहा है।
सरकार दिखावे के लिए तो कानून बना देती है परन्तु जहां उन पर अमल की बात आती है वहां इन नियमो और कानूनो की धज्जियां खुद ही सरकार के नुमाइंदो द्वारा उड़ाई जाती है।
यह बात हिमाचल प्रदेश आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता एस एस जोगटा द्वारा प्रेस को जारी एक ब्यान में कही गई है।उन्होंने कहा कि हाल ही में प्रदेश के विभिन्न जिलों में भी निगमो के चुनाव कराए गये।परन्तु क्या कोरोना के मामले में सरकार ने खुद नियम बनाये लेकिन इन नियमो की अनुपालना संबंधित जिलों में किसने करनी थी? इस प्रकार से जब कानून की अवेहलना खुद सरकार करवायेगी तो अमल कौन करेगा।
सरकार लोगों कि चिंताओं को समझने के बजाय उन की सेहत से बेखबर हो कर राजनीतिक उद्देश्यों को ज्यादा प्राथमिकता दे रही है ।ऐसा करना बेशक सरकार की मजबूरी हो सकती है परन्तु जो उत्तरदायित्व एक चुनी हुई सरकार का अपनी जनता के प्रति होता है वो उसे भूल रही है।जिसका नतीजा आज सामने है।
दूसरी तरफ हमारी या नही कि हम सभी की भी कहीं न कहीं जिम्मेवारी बनती है।क्योंकि हमे खुद भी जागरूक होना पड़ेगा। जहां सरकार गलत करे उसके लिए उन्हे एहसास कराने के लिए हमे/जनता को आगे भी आना पड़ेगा ।
सरकार के सही फैसलों पर संज्ञान लेना और गलत फैसलों का विरोध करना एक लोकतांत्रिक परम्परा है। जिसका निर्वाह हम सभी को करना चाहिए। जिसके लिए हम लोग खुद भी गम्भीर नही जितना होने की आज आवश्यकताएं है।
(एसएस जोगटा),
प्रवक्ता,आम आदमी पार्टी,
हिमाचल प्रदेश।