भारत में कोरोना के मामलों ने रिकॉर्ड तोड दिया है। कोरोना की दूसरी लहर पहले से भी ज्यादा खतरनाक है लेकिन आखिर एक साल बाद भी सरकार ने कोई सबक क्यों नही लिया?
ये जो कोरोना की नयी आंधी आयी है वो ग्रेट ब्रिटेन की देन है। डेढ दो महीने पहले खबरें आयी थीं कि कोई नया स्ट्रेन आ गया है ब्रिटेन से जो बहुत ज्यादा संक्रामक है।
हुआ ये कि जो ब्रिटेन से आये वो दिल्ली बंबई में फैल गये। न तो कोई जांच हुई, न उन लोगों को एकांतवास करवाया गया। ये सब नियम एलीट लोगों पर लागू भी कहां होते हैं? ये तो मिडिल क्लास पर ही अप्लाई होता है।
इधर हम ब्रिटेन से आये लोगों की करनी भुगत रहे हैं उधर ब्रिटेन ने भारतीयों के ब्रिटेन में प्रवेश पर रोक लगा दिया है। सिर्फ वही लोग ब्रिटेन में प्रवेश पा सकते हैं जो ब्रिटिश आइरिश नागरिक होंगे। वो भी इस शर्त के साथ कि तय समय तक सरकारी केन्द्र पर एकांतवास करना पड़ेगा।
दुनिया कैसे कैसे रंग दिखाती है। लेकिन शायद इसीलिए वो ब्रिटेन हैं और हम भारत जिस पर दो सौ साल राज करके चले गये।
आखिर कब ये कोरोना पूरी दुनिया से जाएगा या शायद कभी जाए ही न तो क्या हमें इसी के साथ जीना सीखना पड़ेगा।