बीजेपी और कांग्रेस की मिलीभगत का ही नतीजा है कि हिमाचल की किसी भी समस्या को गंभीरता से नहीं लिया जाता।
“हमारे पास कांग्रेस के सारे काले कारनामों का कच्चा चिट्ठा है मैं ठेठ सराजी हूं खाल में रहो वरना सारे राज खोल कर रख दूंगा”
आम लोग जो अपनी रोजमर्रा की चीजों में व्यस्त रहते हैं। किसी नेता की बात पर गंभीरता से विचार नहीं करते परन्तु बात जब एक सूबे के मुख्यमंत्री की हो जिसको पूरे प्रदेश की जिम्मेदारी दी गई है। अगर वो ऐसी बात करता है तो उस बात की गहराई के बारे में सोचने की आश्यकता है।
हम क्यों बार बार कहते हैं कि बीजेपी और कांग्रेस कभी भी एक दूसरे के भ्रष्टाचार या एक दूसरे की सरकारों के समय में हुई धांधलियों को उजागर नहीं करेगें। इसका सबूत खुद मुख्यमंत्री ने दिया है। उनका कहना है कि सारा कच्चा चिट्ठा है परन्तु तोलमोल (Bargaining) के लिए रखा है ताकि समय आने पर ब्लैकमेल किया जा सके।
यही हाल कांग्रेस का भी है कोई भी बड़ा भ्रष्टाचार सामने आता है तो सरकार को घेरने के बजाय कांग्रेसी नेता मुंह छुपाते फिरते हैं। दोनों को पता है कि 5-5 साल का खेल है लोगों की आंखों में धूल झोंककर आराम से खेला जा रहा है तो क्यों ना ऐसे ही जारी रखा जाए। एक दूसरे कि कमजोरियों को पकड़ो और तोलमोल करते रहो। हमारी राजनीतिक रोटियां सिंकती रहे जनता जाए भाड़ में।
इनकी इसी मिलीभगत का नतीजा है कि हिमाचल आज मंहगाई, बेरोजगारी, और कर्ज तले दबता जा रहा है। वरना इतने सारे हिमाचल के अपने संसाधन होने के बावजूद इतने सारे रोजगार के साधन होने के बावजूद कैसे प्रदेश मंहगाई, बेरोजगारी और कर्ज में डूबता चला जा रहा है।
आम आदमी पार्टी यह मांग करती है कि जो मुख्यमंत्री ने अपने भाषण के दौरान बोला है उसको सबके सामने रखें कि कौन सा भ्रष्टाचार हुआ है और जिन भी नेताओ के खिलाफ सरकार के पास सबूत है उनको जनता के सामने रखा जाए। जनता को यह जानने का अधिकार है कि कहां भ्रष्टाचार हुआ है कौन सी योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ी है।
यह मिलीभगत की राजनीति अब आम आदमी पार्टी चलने नहीं देगी।
और अगर मुख्यमंत्री ने लोगों की भावनाओं से खेलने के लिए अहंकार स्वरूप यह बात कही है तो मुख्यमंत्री माफी मांगे।
आम आदमी पार्टी हिमाचल प्रदेश