हिमाचल प्रदेश आम आदमी पार्टी ने प्रदेश सरकार पर एक बार पुनः आरोप लगाया है कि बार-बार प्रदेश की लचर कानून और व्यवस्था की स्थिति मैं क्यों सुधार नहीं हो पा रहा है।इसके क्या कारण है? जिसका पार्टी सुबे के मुख्यमंत्री ठाकुर जय राम जी से जवाब चाहती है। प्रदेश सरकार पर इस तरह बेलगाम तथा बेखौफ तरीके से आंखे मूंद कर बेकसूर लोगों को क्यों मौत के घाट उतारा जा रहा है।यह कोई इंसानियत के तौर तरीके मैं नहीं आता।
जिस कारण प्रदेश की देवभूमि कहे जाने वाली धरती को तथा यहा की जनता को काफी पीड़ा का सामना करने पर मजबूर होना पड़ रहा है। जिसकी सारी जिम्मेवारी प्रदेश सरकार और सरकार की पुलिस की है।
विडंबना तो देखिए यहां कई मामलों में संलिप्त शातिर बेखौफ घूम रहे हैं और पुलिस उन तक पहुंचने में नाकाम साबित हो रही है। इसके पीछे सरकार की क्या मंशा है इसकी भी समीक्षा और सच्चे मन से मंथन होना चाहिए।
इतना ही नही इतनी बड़ी घटना को छोटी घटना समझा जा रहा है।इन्ही नाकामियों के चलते सरकार को सता में रहने का कोई ओचित्य नजर नही आ रहा है।
आम आदमी पार्टी का मानना है कि सरकार की इस लचर प्रक्रिया के विरुद्ध लोगों के सहयोग से सरकार को घेरना होगा। सरकार से एक दो हाथ कर लेने चाहिए।क्योंकि वर्तमान सरकार के रहते आज हमारे बच्चे,महिलाएं और गरीब बिल्कुल भी सुरक्षित नहीं है। यहां तक कि कोटखाई में गुड़िया कांड का उबाल अभी थमा भी नहीं था की प्रदेश के ऊना जिला के कोड़ी जाडला कसवे में कानून और व्यवस्था का जो तांडव देखने को मिला।जिसने पूरी मानव जाति को झकझोर कर के रख दिया।जहां की कानून और व्यवस्था की स्थिति अभी तक बेरोकटोक,बदस्तूर जारी है।जिसने प्रदेश की देव भूमि को शर्मसार कर के रख दिया है। शर्याम जिस तरह से स्थानीय मंदिर में वहां के पुजारी द्वारा एक बेकसूर स्थानीय लड़की के साथ दरिंदगी करके उसे उस मंदिर के पिछवाड़े वाले आंगन में ही दफना दिया।लेकिन दुर्भाग्य देखिए अभी तक उस दरिंदे हत्यारे के गले तक कानून का हाथ नही बड़ा और उक्त हत्यारा बेखौफ हो कर मजे में है।
जब की आलम ये है कि मृत लड़की के मां बाप को इंसाफ का इंतजार कहीं कोटखाई जैसे गुडिया प्रकरण जैसा न सिद्ध हो जाए।इस बात का भी डर सताने लगा है। क्योंकि वहां की पुलिस अभी तक दोषी को सजा दिलाने में नाकामयाब साबित हो रही है। कोटखाई के गुड़िया कांड के बाद यह अपने आप में लगभग उसी तरह का ही कारनामा प्रकाश में आया है।गुडिया प्रकरण में भी अभी तक गुडिया के मां बाप को न्याय का इंतजार है और मामला सरकार की नलायकी की वजह से न्यालय में विचाराधीन है।इतना ही नही पिछले सालों के अपराधों की तुलना में इस साल हत्याएं,लूटपाट,बलात्कार, अगजानी,जैसी मुख्य घटनाओं के बार बार घटने से पिछले सारे रिकॉर्ड टूटते जा रहे हैं।मामला चाहे प्रदेश के किसी भी जिले का क्यों न हो लेकिन अभी तक इस बाबत कठोर से कठोर या नी फांसी जैसी सजा न होने से बदमाशों को गुंडागर्दी करने हेतु शह मिलती नजर आ रही है।
हिमाचल प्रदेश आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता एसएस जोगटा ने वर्तमान सरकार पर प्रदेश में इस तरह की लचर कानून और व्यवस्था की प्रक्रिया पर अंकुश लगाने में नाकाम रहने का भी आरोप लगाया।इतना ही नहीं प्रदेश के कई जिलो में इस तरह की वारदातें अक्सर सुनने और देखने को मिल रही है। अभी हाल ही में ऊना जिला के इलावा सिरमौर के पोंटा साहिब, सोलन जिला के बद्दी,कंडाघाट, कांगड़ा जिला के ठाकुरद्वारा,शिमला जिला के जुब्बल,इत्यादि क्षेत्रों में भी इस तरह की वारदातें देखने और सुनने को मिल रही है।जिसमे सरकार की ओर से अभी तक मुजरिमों को सजा तो देना तो दूर की बात,सरकार की ओर से मुख्यमंत्री या कोई सरकाई नुमाइंदा राहत राशि लेकर संबंधित पीड़ितों के आश्रितों से संवेदना प्रकट करने हेतु भी समय नहीं निकाल पाए।
पार्टी ने सरकार पर ये भी आरोप जड़ा है कि सरकार का पुलिस के ऊपर किसी भी तरह का कंट्रोल नहीं रह गया लगता है।
जोगटा ने आगे कहा है कि जिस तरह जय राम सरकार ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में कोटखाई के गुड़िया प्रकरण को लेकर दोषियों को बेनकाब करके उन्हे फांसी के फंदे तक पहुंचाने का वादा किया था।लेकिन आज आलम उसके ठीक विपरित है। अभी तक दोषियों को नहीं पकड़ा गया।तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि इसी तरह के उपरोक्त प्रकरणों को लेकर सरकार से और क्या उम्मीद की जा सकती है।
अगर ऐसा ही चलता रहा तो वह दिन दूर नहीं कि प्रदेश में अब उत्तर प्रदेश और बिहार राज्यों जैसी स्थिति उत्पन होने जा रही है।बल्कि हो ही गई है। जिस कारण अब किसी भी व्यक्ति को सरकार की करनी और कथनी पर तनिक भी विश्वास नहीं रह गया है।
आम आदमी पार्टी ने प्रदेश सरकार को चेताया है की समय रहते गुड़ियों प्रकरण से लेकर ऊना और प्रदेश के अन्य स्थानों में इस तरह के प्रकरणों समेत गंभीरता से काम लेंना चाहिए था। अन्यथा प्रदेश में कानून और व्यवस्था की स्थिति काबू से बाहर होती जा रही हैं। यदि सरकार असमर्थ हो तो ऐसी स्थिति की देखते हुए प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगा देना चाहिए। क्योंकि प्रदेश की सरकार आज कानून और व्यवस्था की अनियंत्रित स्तिथि को नियंत्रित करने में असफल रहने के इलावा प्रदेश में महंगाई, बेरोजगारी तथा वित्तीय संकट होने की स्थिति में प्रदेश में राष्ट्रपति शासन का लगाना संवैधानिक प्रक्रिया के तहत उपयुक्त होगा।
शिमला से जारी एक प्रेस बयान में प्रदेश आम आदमी पार्टी प्रवक्ता एसएस जोगटा ने सरकार से ऊना प्रकरण को लेकर आड़े हाथ लेते हुए पुन: कहा है कि जब तक पुलिस संबंधित दोषियों को पकड़ कर फांसी जैसी सजा मुकर्रर नही करवा देती तब तक पार्टी चैन से नहीं बैठने वाली। अगर सरकार ऐसा नहीं करती है तो आम आदमी पार्टी जनता के सहयोग से एक बहुत बड़ा आंदोलन खड़ा करेगी जिसकी सारी जिम्मेवारी प्रदेश सरकार की होगी।
आज आलम यो बना हुआ है कि हर तीसरे दिन प्रदेश में इस तरह के वाक्य देखने को मिल रहे हैं।जब कि सरकार और सरकार की पुलिस मूकदर्शक बनकर जनता को गुमराह तो कर ही रही है परंतु उन्हें परेशान होने के लिए भी मजबूर कर रही है।
जोगटा ने कहा है कि इस तरह के वाक्यात प्रदेश में पहली मर्तबा देखने को मिल रहे है।
(एसएस जोगटा),
प्रवक्ता, आम आदमी पार्टी, हिमाचल प्रदेश।