धर्मशाला में रहने वाले रक्कड़, सिद्धबाड़ी, बाघनी, कनेड़ और योल के किसानों की भूमि पानी कमी से गुजर रही है। धर्मशाला में पर्याप्त पानी होने के बावजूद भी किसानों की जमीन बंजर होती जा रही हैं। सौकणी द कोट गांव में मनूनी खड्ड से टूटी कूहल से किसानों को पानी की समस्या का सामना करना पड़ रहा है।
कई सालों से टूटी है यह कूहल
पंचायत ने कई बार इस नुमाइंदों को सरकार के सामने रखा, लेकिन अभी तक इसको ठीक करने के लिए कुछ नहीं किया गया है। यह कूहल पिछले चार सालों से इसी हालत में हैं। नगर निगम के चुनावों के समय भी कई नेताओं ने इसका समाधान करने का आश्वासन दिया। अब के समय में यह भी केवल आश्वासन बनता हुआ नजर आ रहा है। चुनाव के बाद वादे करने वाले नेता तो ईद का चांद हो गए हैं।
छह गांव है इस कूहल पर निर्भर
स्थानीय विधायक के समक्ष भी पंचायत टूटी कूहल की मांग रखने जा रही है। मौजूदा समय में सैंकड़ो एकड़ की फसल इस टूटी कूहल पर निर्भर है। जिसमें पूरे छह गांव आते हैं। आज के समय इन गांवों के लोग मात्र बारिश के पानी पर ही निर्भर है।