विश्व विख्यात शक्तिपीठ श्री ज्वालामुखी मंदिर से होमगार्ड के जवानों को सुरक्षा की जिम्मेदारी से हटा दिया गया है। जानकारी के मुताबिक निकट भविष्य में उनके स्थान पर निजी सुरक्षा एजेंसियों के कर्मचारियों की तैनाती करने के लिए खाका तैयार किया जा रहा है। जिसका ज्वालामुखी व आसपास के क्षेत्र की जनता ने कड़ा विरोध किया है और प्रशासन से इस फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग भी की है।
गौरतलब है कि वर्ष 1987 से होमगार्ड के जवान प्रदेश के विभिन्न मंदिरों में सेवाएं बखूबी दे रहे हैं। छोटी सी समय अवधि के बाद पुराने होमगार्डों के स्थान पर नए होमगार्ड रोटेशन के आधार पर मंदिरों में तैनात किए जाते हैं।
बारी बारी से यह क्रम चलता है। लोगों की राय में होमगार्ड के जवान मंदिर में यात्रियों को दर्शन करवाने मंदिर में लाइनों की व्यवस्था करवाने और अन्य कार्यों में पूरी दक्षता और पारदर्शिता के साथ काम करते चले आ रहे हैं परंतु उनके स्थान पर निजी सुरक्षा एजेंसियों के कर्मचारियों को रखे जाने की योजना के पीछे सरकार व प्रशासन की क्या मंशा रही होगी इसके बारे में लोगों को कोई ज्ञान नहीं है।
लेकिन होमगार्ड के जवानों को मंदिरों से हटाने पर लोगों में काफी चर्चा हो रही है। लोगों ने सरकार व प्रशासन से इस पर पुनर्विचार करने की मांग की है और होमगार्ड के जवानों को मंदिर से ना हटाने के लिए मांग की है।
मुख्यमंत्री से करेंगे बात
लोग शीघ्र ही मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से भी इस संदर्भ में बात करने के लिए शिमला जा रहे हैं। ज्वालामुखी मंदिर में पिछले कल होमगार्ड के जवानों को ड्यूटी से हटा दिया गया था जिसका न्यास सदस्यों को भी पता नहीं था जिस पर कई न्यास सदस्यों ने भी ऐतराज जताते हुए कहा कि इतना बड़ा फैसला लेने से पहले प्रशासन ने मंदिर न्यास ज्वालामुखी के सदस्यों की राय लेना भी उचित नहीं समझा है। जिससे उनमें भी प्रशासन के खिलाफ नाराजगी है। 13 अप्रैल से चैत्र माह के नवरात्रि शुरू होने जा रहे हैं ऐसे में गृह रक्षकों को हटा दिया जाना भी समझ से परे है।
क्या कहते हैं एसडीएम धनवीर ठाकुर
एसडीएम ज्वालामुखी धनवीर ठाकुर ने बताया की पिछले कल गृह रक्षक मंदिर से रवाना हो गए हैं। सरकार व प्रशासन निजी एजेंसियों की तैनाती बारे कोई योजना बना रहे है जो भी आदेश जिलाधीश कार्यालय से प्राप्त होंगे। उनकी अनुपालना की जाएगी।
बोले धवाला नहीं है जानकारी
वहीं स्थानीय विधायक एवं राज्य योजना बोर्ड के उपाध्यक्ष रमेश धवाला ने कहा कि उन्हें इस बात की कोई जानकारी नहीं है वे जिलाधीश से इस संदर्भ में बातचीत करेंगे उसके बाद ही वे कुछ कह पाएंगे।