#CoronaImpact
बेशक सरकार बड़े बड़े बादे चुनावी राज्यों में कर रही हो परन्तु सच्चाई यह है कि सरकार से मंहगाई, बेरोजगारी और देश की आर्थिक स्थती संभाली नहीं जा रही है।
हर चुनाव में ऐसे लुभावने वायदे किए जातें हैं जैसे मानो सरकार के हाथ चुनावों के समय कोई बहुत बड़ा खजाना हाथ लग गया हो और बस अब सरकार उसको देश में बांटना चाहती है पंरतु अगर सरकार द्वारा पहनाए इस नकली चश्मे को उतारा जाए तो पता चलेगा कि सब अंधकारमय हो चुका है।
एक और तो सरकार ने बंगाल, असम, पुडुचेरी, केरल, और तमिलनाडु में नौकरी और फ्री सेल लगाई हुई है वहीं दूसरी ओर चुपके से देश की आर्थिक हालात छुपाए नहीं छुप रही।
सरकारी संपत्ति को बेचने को लोग पचा नहीं पा रहे थे अब दूसरी ओर सरकार की नजर लोगों कि जमा पूंजी पर जा टिकी है। रिफॉर्म्स के नाम पर लोगों को चूना है लग रहा है कहीं कोई राहत तो मिलती नहीं दिख रही।
अब सरकार ने लोगों की छोटी से छोटी सेविंग्स पर भी कटौती कर दी है।
जितनी भी स्माल सेविंग्स स्कीम्स थी सब पर इंटरेस्ट कम कर दिया गया है।
और तो और जो पीपीएफ का ब्याज कभी 7% से नीचे नहीं आया अब वो भी हो गया है।